ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड में कोरोना काल में नियमों के नाम पर अब प्रशासन की मनमानी इस हद तक बढ़ चुकी है कि भिण्ड जिले के मुखिया भी अब नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कानून अपने हाथों में लेने लगे हैं भिण्ड कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने ऑक्सीजन सिलेंडर लाने ले जाने वाले वाहन के ड्राइवर को अपने गार्ड से 8-10 थप्पड़ जड़वा दिए क्योंकि उस ड्राइवर की महज इतनी गलती थी कि उसने ऑक्सिजन ढुलाई के वाहन में लगे हुए सीसीटीवी कैमरा को झुकने पर ऊपर उठा दिया था।
प्रतिदिन ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए जिला अस्पताल से खाली ऑक्सिजन सिलेंडर भिण्ड जिले के औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर स्थित आरआर कंपनी और सूर्य इंडस्ट्रीज की फैक्ट्री में भेजे जाते हैं और भरे लाए जाते हैं इस काम के लिए वेंडर भी हायर किए गए हैं हाल ही एक वेंडर द्वारा भेजी गए ऑक्सिजन वाहन में करीब 70 ऐसे सिलेंडर जिनके वाल्व खराब हो चुके थे उन्हें लोड कर ड्राइवर इरशाद उन सिलेंडर को ठीक कराने के लिए भिण्ड शहर में ही गया था लेकिन जब वह वापस आया तो मौके पर कलेक्टर सतीश कुमार एस मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजीत मिश्रा के साथ ड्राइवर के पास पहुँचे और उस पर चिल्लाते हुए अपने सुरक्षा गार्ड को पीड़ित इरशाद को पीटने के निर्देश दिए, जब वह थोड़ा अलग हुआ तो कलेक्टर ने चिल्लाते हुए उसे पकड़कर मारने के आदेश दिए उनके आदेश पर गार्ड ने करीब 8-10 थप्पड़ इरशाद में जड़ दिए. और कुछ देर बाद सभी अफसर वहाँ से झल्लाते हुए निकल गए।
जब पीड़ित ड्राइवर से पूरा मामला पता किया गया तो उसने बताया कि आज दोपहर के समय जब वह गाड़ी में आया तो ऑक्सीजन वाहन में लगा हुआ कैमरा झुका हुआ था जिसे उसने ऊपर की ओर वापस उठा दिया था जब शाम को घर लौटकर आया तो उसके मालिक वेंडर ने उससे कैमरा एंगल बदलने की बात पूछी प्रसाद ने भी ईमानदारी से उसे बता दिया कि कैमरा झुक गया था जिसे उसने सीधा कर दिया था उसने बताया वह अपना वाहन लेकर अस्पताल के खराब हो चुके सिलेंडर के वाल्व बदलवाने के लिए गया था। वाल्व बदलवाने के लिए भेजे जाने की जानकारी जाने से पहले ही इरशाद द्वारा अपने मालिक और उनके द्वारा भिण्ड के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजीत मिश्रा और भिण्ड अस्पताल के सिविल सर्जन अनिल गोयल को भी दे दी थी बावजूद इसके कलेक्टर ने छोटी सी बात को लेकर अपने गार्ड द्वारा सबके सामने 8 से 10 थप्पड़ लगवाए और डॉक्टर अजीत मिश्रा आप को सारी बातें पता होने के बावजूद भी उन्होंने एक बार भी भिण्ड कलेक्टर को इस संबंध में जानकारी नहीं दी इस बल्कि हर छोटे कर्मचारी को पिटता देख मूकदर्शक बने खड़े रहे हैं।