नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सामने दामिनी के परिजनों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। मौका था एक न्यूज चैनल के वार्षिक समारोह का, जहां दामिनी को प्रधानमंत्री के हाथों अवार्ड सौंपा जाना था। दामिनी की मां ने प्रधानमंत्री के सामने हाथ जोड़कर कहा, जो मेरी बेटी के साथ हुआ, वह किसी और बेटी के साथ हर हाल में नहीं होना चाहिए। इतना कहकर वह फूट-फूट कर रोने लगीं। मनमोहन सिंह, सुषमा स्वराज, राजनाथ सिंह और सलमान खुर्शीद के सामने मां ने कहा कि मेरी बेटी तो इस दुनिया में नहीं रही, लेकिन उसके सपने मुझे आज भीचैन से नहीं रहने देते। हमने अपनी बेटी को जिन हालात में पढ़ाया था, उसे याद कर अंदर से टूट जाती हूं। इतना कहकर वह रोने लगीं।
मनमोहन सिंह ने भी खुद को संभालने की कोशिश की। सुषमा की आंखें भी नम थीं। समारोह में बैठी करीना कपूर भी खुद को भावुक होने नहीं रोक पार्इं। दामिनी के पिता ने कहा कि हम बेटी को मेडिकल की शिक्षा देने की स्थिति में नहीं थे, लेकिन मेरी बहादुर बेटी भी पढ़ाई को लेकर हमेशा ऊर्जा से भरी रहती थी। उसने मुझसे कई बार कहा था, पापा जो पैसे मेरी शादी में लगाएंगे, उसी पैसे से मुझे पढ़ा दीजिए। हमने महीनों आलू खाकर खुद को जिंदा रखा। तब जाकर बेटी के उस मुकाम तक पहुंचाया था। इतना कहकर वह भी रोने लगे और पूरे माहौल में सन्नाटा पसर जाता है।
बेकार नहीं जाएगी दामिनी की शहादत
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कहा कि उस बहादुर बेटी की मौत को हम यूं ही नहीं भूल जाएंगे। हम हर हाल में महिलाओं की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाएंगे। हम महिला सुरक्षा को लेकर युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। इस मौके पर जस्टिस वर्मा भी मौजूद थे जिन्होंने रेप को लेकर कानून में बदलाव के लिए कई सिफारिशें की थीं।