भोपाल । मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने कहा है कि आगामी 25 सितम्बर से आयुष्मान भारत योजना को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में क्रियान्वित किया जाएगा। दो अक्टूबर से योजना पूरी तरह, पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी। श्री सिंह की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में विभागीय अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव की बैठक में योजना के क्रियान्वयन के बारे विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में बताया गया कि आयुष्मान भारत योजना से प्रदेश के लगभग एक करोड़ 40 लाख परिवारों को जोड़ा जाएगा। प्रत्येक परिवार को एक वर्ष में 5 लाख रूपये तक केशलेस इलाज की सुविधा उपलब्ध करवायी जाएगी। यह सेवा शासकीय और चिन्हित अस्पतालों में रहेगी। योजना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेजो में ही लागू होगी।
मुख्य सचिव श्री सिंह ने बताया कि योजना में 1350 पैकेज और 23 स्पेशलिटी सम्मिलित है। योजना के क्रियान्वयन के लिये दीनदयाल स्वास्थ्य सुरक्षा परिषद का गठन किया जाएगा, जो स्टेट हेल्थ एजेन्सी के रूप में कार्य करेगी। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला क्रियान्वयन इकाइयों का गठन किया गया है, जिसके नोडल अधिकारी जिला मलेरिया अधिकारी होंगे। चिकित्सालयों में आयुष्मान मित्र उपलब्ध होंगे।
बैठक में योजना के क्रियान्वयन के लिये तकनीकी पहलुओं अस्पतालों के इम्पैनलमेंट, जिला इकाइयों और आयुष्मान मित्र के प्रशिक्षण और योजना के प्रतीक-चिन्ह पर भी विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं जल-संसाधन आर.एस. जुलानिया, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमती गौरी सिंह, प्रमुख सचिव वित्त अनुराग जैन, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति श्रीमती नीलम शमी राव तथा स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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