भोपाल ! आयकर विभाग की छापे की कार्रवाई का सामना करने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा आईएएस के एक अधिकारी डॉ. राजेश राजौरा ने आज यहां एम.पी. नगर थाने पहुंचकर आयकर विभाग के तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ शिकायती आवेदन सौपते हुए साजिश रचने समेत विभिन्न धाराओ के तहत मामला र्दज किये जाने की मांग की।
इस मौके पर डा राजौरा के साथ आए अधिवक्ता अजय गुप्ता ने पत्रकारों से कहा कि पुलिस को एक आवेदन सौंपा गया है जिसमें महत्वपूर्ण दस्तावेज भी संलग्न हैं। उनका कहना है कि आयकर अधिकारियों ने लगभग पांच वर्ष पहले राय के तत्कालीन गृह सचिव डा. राजौरा के निवास पर छापे की कार्रवाई आयकर विभाग के एक अधिकारी को आवास आवंटन मे विलंब के कारण की थी और इसके लिए कागजों मे छेड़छाड़ भी की गयी। आवेदन में पुलिस से अनुरोध किया गया है कि इन दस्तावेजों के आधार पर आयकर विभाग के तत्कालीन महानिदेशक अन्वेषण एस एस राणा और अन्य अधिकारियों के खिलाफ साजिश रचने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला र्दज किया जाए। श्री गुप्ता ने उम्मीद जताते हुए कहा कि इस संबंध मे पुलिस उचित कार्रवाई करेगी और यदि ऐसा नहीं किया गया तो वह वैधानिक कार्रवाई करने के बारे मे निश्चित तौर पर विचार करेगे। इस बीच वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि एम पी नगर थाने मे डा राजौरा की ओर से शिकायत आवेदन प्राप्त हुआ है। लगभग एक सौ पेज वाले इस आवेदन और संलग्न दस्तावेजों का अध्ययन किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस मामले मे कानूनी राय ली जाएगी और फिर आगे की कार्रवाई के बारे मे तय होगा।
उधर, आईआरएस ऑफीसर्स एसोसिएशन की मप्र – छग इकाई के अध्यक्ष एससी सोनकर ने कहा कि ऐसा लगता है कि न्यायालय के सामने सही तथ्य पेश नहीं किए गए। विभाग के पास हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका लगाने से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाने के रास्ते खुले हुए हैं। वहीं, आईएएस ऑफीसर्स एसोसिएशन ने कहा है कि राय सरकार, केंद्र से अनुरोध करे कि केंद्रीय एजेंसियों में पदस्थ अफसर अपने निजी लाभ के लिए अपने अधिकारों का दुरुपयोग न करें। आईआरएस ऑफिसर्स एसोसिएशन की मप्र-छग इकाई के अध्यक्ष सोनकर यहां आयकर आयुक्त के पद पर भी कार्यरत हैं।
उन्होंने साफ किया कि वे न्यायालय के निर्णय पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे लेकिन हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने से लेकर सुप्रीम कोर्ट के विकल्प पर विभाग सही समय पर निर्णय लेगा। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने अपने फैसले में तत्कालीन आयकर महानिदेशक एसएस राणा की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। सोनकर ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि किसी अन्य अधिकारी पर न्यायालय ने उंगली नहीं उठाई है, इसलिए उनकीर् कत्तव्य निष्ठा पर संदेह नहीं किया जाना चाहिए। सोनकर ने साफ किया कि एसोसिएशन इस मामले में किसी भी वरिष्ठ अधिकारी को कोई ज्ञापन आदि नहीं देगी। इधर सोमवार को मध्यप्रदेश आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन ने मुख्य सचिव आर परशुराम को ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा गया है कि डॉ. राजौरा के विरुध्द आयकर छापे के बाद राय शासन द्वारा की गई कार्रवाई को तत्काल समाप्त किया जाए। साथ ही ऐसे अन्य प्रकरण जिसमें आईएएस अफसरों के खिलाफ की गई कार्रवाई को हाईकोर्ट में गलत ठहराया गया है, उनमें भी जांच समाप्त की जाए। ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में एसोसिएशन की अध्यक्ष अरुणा शर्मा, सचिव अशोक वर्णवाल और विवेक अग्रवाल शामिल थे। एसोसिएशन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष भी अपनी बात रखेगा। उल्लेखनीय है मई 2008 को डॉ. राजौरा के घर पर आयकर विभाग द्वारा की गई छापे की कार्रवाई को हाईकोर्ट ने गत 27 जून को रद्द कर दिया। आयकर विभाग की कार्रवाई को डॉ. राजौरा ने कोर्ट में चुनौती दी थी। राजौरा के खिलाफ छापे की कार्रवाई रद्द किए जाने के बाद आईएएस एसोसिएशन न सिर्फ राजौरा के पक्ष में और आयकर अधिकारियों के खिलाफ खड़ा हो गया है, बल्कि खुद राजौरा भी आयकर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए आगे आए हैं।

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