श्योपुर। कांग्रेस कार्यकर्ता और प्रदेश की जनता ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाना चाहती थी। मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने भी कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री का दावेदार सिंधिया को मानकर चुनाव लड़ा, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने कार्यकर्ता व जनता की भावनाओं को दरकिनार करते हुए कमलनाथ को मुख्यमंत्री बना दिया। यह बातें पूर्व विधायक व कांग्रेस के जिला अध्यक्ष बृजराज सिंह चौहान ने प्रेसनोट जारी कर कहीं।

पूर्व विधायक व कांग्रेस के जिला अध्यक्ष बृजराज सिंह चौहान ने कहा कि अब मुख्यमंत्री कमलनाथ कांग्रेस विधायकों के दबाव में आकर उनके नाजायज कामों को भी कर रहे हैं। विधायकों को नाजायज तरीके से पैसा देकर उपकृत किया जा रहा है और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है। अगर कार्यकर्ताओं का मनोबल इसी तरह टूटता रहेगा तो आगामी चुनाव में मप्र में भी दिल्ली जैसे शून्य परिणाम आएंगे।

कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने तीन पन्नों का प्रेसनोट जारी कर कमलनाथ सरकार को आड़े हाथों लिया। श्री चौहान के अनुसार कांग्रेस को आज प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे चमत्कारी नेतृत्व की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विस चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया के परिश्रम और उनके नाम पर ही कांग्रेस सत्ता में आई।

कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने कहा कि जब प्रभारी मंत्री जिले के दौरों पर आते हैं तो कार्यकर्ताओं की बातों को अनसुनी कर उन्हें दरकिनार किया जा रहा है। विधायक निधि वितरण में विधायक कमीशन ले रहे हैं, इसकी चर्चाएं पार्टी कार्यकर्ताओं में जोरों पर हैं। चौहान ने अपने प्रेसनोट में चेतावनी भरे शब्दों में कहा है, कि सरकार और संगठन द्वारा कार्यकर्ताओं इसी तरह मनमानी होती रही तो संगठन के लोग ही विरोध करते हुए सड़कों पर उतर आएंगे।

श्योपुर के कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल ने पलटवार करते हुए कहा कि बृजराज सिंह कांग्रेस के शुभचिंतक नहीं, बल्कि बीजेपी के एजेंट हैं, उन्हें तो कांग्रेस की बात करने का अधिकार ही नहीं हैं। अगले चुनाव में क्या वह तो पहले ही कांग्रेस को शून्य कर चुके हैं। अगर उनके पास कोई प्रमाण हैं कि मुख्यमंत्री से हमें नकद पैसा मिला है और मैंने किससे कमीशन लेकर विधायक निधि दी है? मुख्यमंत्री ने किस विधायक का कौन सा नाजायज काम किया है? चुनौती के साथ इनको सार्वजनिक करें, मनगढंत बातें न करें। जिले में एक भी कांग्रेसी कार्यकर्ता उपेक्षित नहीं है, सभी कार्यकर्ताओं की बातें सुनी जा रही हैं, उन्हें सम्मान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री बनाना विधायकों के हाथ में नहीं बल्कि हाईकमान के हाथ में ही रहता है और हाईकमान ने सही निर्णय किया है।

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