खंडवा। मध्यप्रदेश के इंदौर संभाग के खण्डवा जिले में आपराधिक चरित्र वाले लोगों का शस्त्र लाइसेंस रद्द किया जाएगा। लाइसेंसधारियों के खिलाफ चाहे पुराना अपराध दर्ज हो या हाल ही में दर्ज हुआ मामला, ऐसे सभी व्यक्तियों के शस्त्र लाइसेंस रद्द करने के निर्देश खण्डवा पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयाल सिंह ने जिले के सभी थाना प्रभारियों को दिए हैं। पुलिस ने अब तक 25 लोगों को नामजद किया है। एसपी के निर्देश के बाद आपराधिक किस्म के उन लोगों की सूची बनाई जा रही है, जिनके पास शस्त्र लाइसेंस है। जिले में करीब 1200 लोगों के पास शस्त्र रखने के लाइसेंस हैं। इनमें सांसद, विधायक भी शामिल हैं। इस पर सांसद चौहान बोले- वह तो कमलनाथ जी के एसपी हैं, वो हमारे देश में रहने का लाइसेंस भी रद्द करने की बात कर सकते हैं। वही विधायक ने कहा मुख्यमंत्री के इशारे पर पुलिस प्रकरण दर्ज कर रही है।
एसपी डॉ. सिंह ने बताया 25 लोगों के नाम की सूची तैयार हो चुकी है। एक-दो दिन में पूरी सूची तैयार हो जाएगी। इसमें अपने नाम आने पर खंडवा विधायक देवेंद्र वर्मा व पंधाना विधायक राम दांगोरे ने विरोध किया है। विधायकों ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के इशारे पर भाजपाइयों पर प्रकरण बनाए जा रहे हैं।
पुलिस प्रतिवेदन के आधार पर आपराधिक छवि वाले व्यक्ति का लाइसेंस निरस्त करने का अधिकार एसपी को है। अगर इस कार्रवाई से लाइसेंसी संतुष्ट नहीं है तो वे संभागायुक्त के यहां अपील कर सकते हैं। इसके अलावा न्यायालय में भी जा सकते हैं।
लाइसेंसधारी बगैर अनुमति रैली, प्रदर्शन या विवाह समारोह में हथियार का गलत तरीके से इस्तेमाल करते हुए पाए जाने पर भी लाइसेंस निरस्त होगा। वही एनआरसी के विरोध और पक्ष वाली रैलियों में शामिल हुए शस्त्र लाइसेंसियों को सीसीटीवी फुटेज व वीडियो, फोटो से पहचान की जा रही है। संबंधित थानों की पुलिस ऐसे लोगों को चिह्नित कर लाइसेंस रद्द करेगी।
खण्डवा के भाजपा विधायक देवेंद्र वर्मा का कहना है कि सांसद, विधायक से पुलिस को ऐसा कौन सा खतरा लग रहा है, जो शस्त्र लाइसेंस रद्द करने का कह रहे हैं। हम इसके खिलाफ कोर्ट में जाएंगे।
भाजपा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान का कहना है कि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति को रोका जाना तानाशाही का प्रतीक है। वह तो कमलनाथ जी के एसपी हैं। वो हमारे देश में रहने का लाइसेंस भी रद्द करने की बात कर सकते हैं, वे कर लें, हम न्याय का रास्ता अपनाएंगे।