इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में पकडे गए अवैध पिस्टल और कट्टे का कारोबार करने वाले आरोपियों ने कई खुलासे किए हैं। आरोपी धार और इंदौर के आसपास के जिलों के जंगलों में अवैध हथियार बनाने का काम करते हैं। इस गिरोह ने प्रदेश सहित महाराष्ट्र, दिल्ली सहित देश के कई प्रांतों में हथियार खपाने के लिए अपने एजेंट बना रखे हैं।

सूत्रों की मानी जाए तो पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे धार जिले के बाकनेर, मनावर, सिंघीनी और बदनावर के साथ ही बडवानी जिले के देहात क्षेत्रों में अवैध हथियार बनाते हैं। इस क्षेत्रों में रहने वाले सिकलीगर इन हथियारों का निर्माण करते हैं। गिरोह पिस्टल और कट्टा बनाने के लिए स्प्रिंग, लोहे का पाईप, स्क्रू और लोहे के अन्य कबाड का इस्तेमाल करते हैं। सिकलीगर अब इसका निर्माण जंगलों और पहाडियों पर जाकर करते हैं। बाद में इसे खेतों में दवा देते हैं। पिस्टल और कट्टे को 15 से 20 हजार रुपए में बेचा जाता है। एजेंट के जरिए इन्हें देश के कई प्रांतों में बेचा जाता है।

इंदौर क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश दंडोतिया और उनकी टीम ने इंदौर में अवैध फायर आम्र्स बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह से जुडे 6 आरोपियों से 35 अवैध फायर आम्र्स और 7 जिंदा कारतूस बरामद किए थे। इनसे हुई पूछताछ में कई खुलासे हुए है।

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