शहडोल। एमपी के शहडोल में बुधवार को पुलिस ने एक दंपति सहित 6 लोगों को गिरफ्टार किया जो आदिवासियों को लोन दिलाने के नाम पर ठगी को अंजाम दे रहे थे। ये लोग आदिवासी शिक्षकों के नाम पर लाखों के लोन मंजूर कराते, लेकिन सारे पैसे अपने पास रख लेते थे। इस तरह ये लोग 20 करोड़ से ज्यादा की ठगी कर चुके थे। करीब 300 शिक्षक अब तक उनकी ठगी का शिकार हो चुके हैं। पीड़ितों के नाम जब बैंक ने रिकवरी का मैसेज भेजा, तब उन्हें फर्जीवाड़े का पता चला। इसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत की और बुधवार को पुलिस ने पूरी गैंग का भंडाफोड़ कर दिया।

ठगी को अंजाम देने वाला मास्टरमाइंड अमित जैन है जिसने पत्नी योगिता के साथ मिलकर इस पूरे खेल को अंजाम दिया। अमित एमबीए और लॉ की पढ़ाई कर चुका है और कानूनी मामलों की समझ है। वह सामान्य व्यक्ति के लिए बैंकों से मिलने वाले कर्ज की जटिल प्रक्रिया का फायदा उठाता था। शिक्षकों को शादी-ब्याह, बीमारी, पुराना कर्ज, व्यवसाय में निवेश, वाहन खरीदी जैसे कामों के लिए वह लोगों को लोन स्वीकृत कराने की जिम्मेदारी लेता था। एक बार लोन मंजूर होने पर वह सारी रकम अपने पास रख लेता था। पीड़ित शिक्षकों को बमुश्किल ही कुछ मिल पाता था। पैसे ही नहीं, वाहन खरीदी के लिए लोन से गाड़ी खरीदकर खुद ही उसका इस्तेमाल करता था।

पुलिस के अनुसार अमित और उसकी पत्नी अब तक करीब 300 शिक्षकों को शिकार बनाकर 20 करोड़ से ज्यादा की ठगी कर चुके हैं। यह ठग दंपति अब विदेशी भागने की फिराक में था, लेकिन उससे पहले ही इनकी पोल खुल गई। पीड़ितों की शिकायत के बाद शहडोल पुलिस ने समय रहते उन्हें पकड़ कर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। पति-पत्नी के अलावा गैंग के 4 अन्य सदस्य अनूप कुमार शर्मा, रविन्द्र कुमार सेन, अजय सेन और मनीष कुमार सेन को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

इधर, आरोपी मास्टरमाइंड अमित जैन ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस द्वारा बर्बरता से पिटाई करने का आरोप लगाया है। पुलिस कंट्रोल रूम में खुलासे के दौरान अमित ने अपने कपड़े उतारकर घाव के निशान दिखाए। हालांकि, शहडोल के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश वैश्य ने उसके आरोपों को निराधार बताया है।

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