इंदौर। नादिया नगर की 13 वर्षीय सिमरन चौहान आत्मविश्वास से लबरेज है। पहले मनचलों को देखकर घबरा जाने वाली अब कहती है कोई छूने की कोशिश करेगा तो सबसे पहले जोर से चीखूंगी और भीड़ इकट्ठा कर गुंडे को भागने पर मजबूर कर दूंगी।
छोटी खजरानी में रहने वाली रिया खरे और प्रिया गवाने अपने साथ घर के आसपास रहने वाली लड़कियों को भी सशक्त बनाने के लिए जोर-शोर से तैयारी कर रही है। दोनों सहेलियों का कहना है कि अगर किसी ने हमारे साथ छेड़छाड़ या हरकत की तो उसे कड़ा सबक सिखाएंगी। सबसे पहले पैर से धक्का देकर गिराएंगी, फिर सेल्फ डिफेंस के दूसरे स्टेप आजमाएंगे।
सोमनाथ की चाल की आशिबा कहार कहती है कि अब तक वह भी दूसरी लड़कियों की तरह अकेले आने-जाने से डरती थी लेकिन जब से आत्मरक्षा करने की छोटी-छोटी बातें पता लगी हैं, उसका आत्मविश्वास बढ़ गया है। अब कोई भी सामने आ जाए, डटकर सामना करेगी।
आत्मविश्वास और हिम्मत से भरे ये शब्द उन किशोरियों के हैं जो छेड़छाड़ की घटनाओं और मनचलों के आतंक से दहशत में रहती थीं लेकिन अब सामना करने की तैयारी में जुटी हैं। ये स्कूली छात्राएं खुद तो सीख ही रही हैं, अपने आसपास रहने वाली लड़कियों को भी ट्रेनिंग दे रही हैं। हाल ही में बस्ती में रहने वाली लड़कियों के लिए ‘आत्मरक्षा अभियान’ शुरू किया गया है, जिसमें बुरी नजर वालों से उनके ही तरीके से निपटने की ट्रेनिंग दी जा रही है। बस्ती की पांच-पांच लड़कियां विशेषज्ञों से ट्रेनिंग लेकर दूसरी लड़कियों और महिलाओं के लिए शिविर लगाकर आत्मरक्षा के गुर सिखाएंगी।
बीते दिनों शहर में पिता द्वारा बेटी से दुष्कर्म, मौसा द्वारा भानजी से ज्यादती या पड़ोसी द्वारा 14 साल की लड़की के शोषण ने महिला सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। सभी मामलों में पीड़ित लड़कियों द्वारा खुद के बचाव में कोई कदम नहीं उठाया गया। सोमवार को चाइल्ड हेल्पलाइन में कराते विशेषज्ञ सईद आलम और दीपरेखा एनजीओ की शिवानी वाजपेयी पहुंची। फिर उन्होंने नेहरू नगर, एमआईजी, गोमा की फैल, मालवा मिल आदि क्षेत्र की लड़कियों को चाइल्ड लाइन में इकट्ठा किया।
प्रत्येक बस्ती से पांच-पांच लड़कियों को लेकर आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया। विशेष तौर पर विपरीत परिस्थितियों में खुद को बचाने के गुर सिखाए गए। प्रशिक्षण लेने वाली लड़कियां अपनी-अपनी बस्ती में शिविर लगाएंगी। चाइल्ड लाइन के निदेशक वसीम इकबाल ने बताया कि कराते विशेषज्ञों ने खुद ही चाइल्ड लाइन से संपर्क कर बालिकाओं को आत्मरक्षा सिखाने की इच्छा जाहिर की। करीब 50 बालिका और किशोरियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।