भोपाल। उपचुनावों के बाद अब मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान एक्शन मोड में आ गए है। विभागीय गतिविधियों में कसावट लाने के लिए वे दिसंबर से लेकर फरवरी तक अब सप्ताह में दो दिन हर सोमवार और गुरुवार को दो-दो विभागों के अफसरों से वन टू वन चर्चा करेंगे। मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभागों में क्या तैयारी है? अगले तीन वर्षो में विभाग में वे क्या और कैसे करेंगे? पहले एक दिसंबर से इसकी शुरुआत होना था लेकिन अब चार दिसंबर को लोक निर्माण विभाग से इसकी शुरुआत होगी।

चार दिसंबर को सबसे पहले लोक निर्माण  विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों से बात होगी। दिसंबर महीने में उर्जा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, परिवहन, कृषि, स्वास्थ्य, नगरीय प्रशासन, सामाजिक न्याय, तकनीकी शिक्षा, सहकारिता , खाद्य नागरिक आपूर्ति , लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, गृह और वित्त विभाग तथा उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा की जाएगी। जनवरी में महिला बाल विकास, जलसंसाधन,नर्मदा घाटी विकास, वन, चिकित्सा शिक्षा, उद्यानिकी, आदिम जाति कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, आदिम जाति कल्याण, खनिज विभाग की समीक्षा की जाएगी। फरवरी महीने में  सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग, उद्योग विभाग, पर्यावरण, जेल और संसदीय कार्य विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी। ये समीक्षा बैठक दोपहर तीन से चार और चार से पांच बजे के बीच होगी। बैठक के दौरान विभागीय अधिकारी, विभागीय मंत्री भी मौजूद रहेंगे।

मंत्री और विभागीय अधिकारी पहले अपने विभागीय कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण देंगे। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के लिए विभाग ने क्या कार्ययोजना बनाई है यह बताएंगे और उसके आधार पर अगले छह माह, एक साल , दो वर्ष और तीन वर्ष में क्या-क्या काम कब और कैसे किस प्राथमिकता के आधार पर पूरे होंगे यह बताया जाएगा।

मुख्यमंत्री की घोषणाओं को पूरा करने को लेकर विभाग की क्या कार्य योजना है। बजट का कैसे उपयोग किया जाएगा। केन्द्र सरकार के स्तर पर लंबित मामलों को लेकर क्या कर रहे है और अगले छह माह में किस तरह के कार्यक्रम लोकार्पण शिलान्यास किए जा सकते है यह भी विभाग बताएंगे। हितग्राहीमूलक योजनाओ में कितने हितग्राहियों को लाभ मिला यह भी विभाग बताएंगे।

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