भोपाल। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआइएमटीसी) दिल्ली के आह्वान पर मध्यरात्रि से मध्य प्रदेश के ट्रांसपोर्टरों की रोड व गुड्स टैक्स माफी, डीजल पर वैट की कमी सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल शुरू हो गई ।
इससे प्रदेश में 4.5 लाख माल वाहनों के पहिए थम गए। 10 से 12 अगस्त (तीन दिन) तक चलने वाली सांकेतिक हड़ताल के दौरान प्रदेश में ट्रक, बस, बड़े, मझोले, छोटे व्यावसायिक वाहन नहीं चलेंगे। इससे एक-दो दिन में सब्जी, फल समेत अन्य सामग्री आसपास के राज्यों से नहीं आने पर महंगी हो सकती है।
एआइएमटीसी के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय शर्मा ने बताया कि हड़ताल में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान से आने वाले ट्रक, बस व बाकी व्यवसायिक गाड़ियां भी प्रदेश की सीमा पर खड़ी हो जाएंगी। प्रदेश की सीमाओं पर ट्रांसपोर्टर्स चक्का जाम करेंगे। राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने की तैयारी थी। सभी पदाधिकारियों व सदस्यों की सहमति से फिलहाल राज्यव्यापी हड़ताल की जा रही है। यदि प्रदेश व केंद्र सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानीं तो जल्द ही नई रणनीति बनाकर पूरे देश के ट्रांसपोर्टर अनिश्चितकालीन समय के लिए हड़ताल पर बैठेंगे।
रोड व गुड्स टैक्स में छह महीने की माफी। – परिवहन विभाग की चेक पोस्ट को बंद किया जाए। – डीजल पर वैट काम हो। – चालकों का कोविड बीमा हो। -बसों पर माल लदान लाइसेंस का विरोध
हड़ताल शुरू होने से पहले ही ट्रांसपोर्टरों में आपस में श्रेय लेने की होड़ लग गई। पहले चार सूत्रीय मांगों की बात की जा रही थी। फिर बसों पर माल लदान लाइसेंस के विरोध की मांग जोड़ी गई। प्रदेश में छह महीने के टैक्स माफी को लेकर 35 हजार बसों के पहिए पहले से ही थमे हैं। ट्रांसपोर्टरों ने बसों को भी हड़ताल में शामिल किया है, ताकि हड़ताल सफल हो सके। अभी पूरे देश में हड़ताल नहीं हो सकी, इससे साफ दिखता है कि ट्रांसपोर्टरों में एकजुटता नहीं है।