रावतपुरा। आज परमपूज्य गुरूकार्षणी गुरुशरणानंदजी महाराज रमणरेति, भाजपा के प्रदेश महामंत्री बी.डी. शर्मा, संभागीय संगठन मंत्री शैलेन्द्र बरूआ, पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रहलाद पटेल, विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह, मुरैना के महापौर अशोक आर्गल, महंत नृत्यगोपाल दास जी, पागल बाबा, छत्तीसगढ़ के सूचना आयुक्त अशोक अग्रवाल, तेंदूखेडा के विधायक संजय शर्मा, म.प्र. विधानसभा के सचिव अवधेश प्रताप सिंह सपत्नीक, जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति संगीता शुक्ला ने भी सामाजिक महाकुंभ में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। इस अवसर पर उन्होने संत शिरोमणि रविशंकर महाराज रावतपुरा सरकार से भेंट कर उनका आर्शीवाद ग्रहण किया।
परमपूज्य गुरूकार्षणी गुरुशरणानंदजी महाराज रमणरेति ने आज संत शिरोमणि श्री रविशंकर जी महाराज रावतपुरा सरकार, गीता मनीषीजी एवं महामंडलेश्वर राजेन्द्र दास जी वंृदावन के साथ भागवान रावतपुरा सरकार हनुमानजी के दर्शन किये एवं यज्ञशाला की परिक्रमा की। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुजनों ने महाराजश्री के चरणस्पर्श कर आर्शीवाद ग्रहण किया।परमपूज्य गुरूकार्षणी गुरुशरणानंद जी महाराज रमणरेति एक सम्मानित संत के साथ-साथ प्रसिद्ध विद्वान और शास्त्रों में विशेषज्ञ करिनी आश्रम का वर्तमान आध्यात्मिक प्रमुख है। वह ज्ञान और भक्तियोग के संगम का प्रतीक है। महाराजजी वास्तविक और दिव्य अर्थ में संत हैं वह दुनिया भर के भक्तों को ज्ञान, अंतर्दृष्टि, प्रेरणा और दैवीय आशीर्वाद देता है जो भगवान कृष्ण की दिव्य भूमि को देखने और अपने आशीर्वाद और दर्शन की तलाश करने के लिए यात्रा करते हैं। वह पूरे भारत और दुनिया भर में यात्रा करते है। जिससे शास्त्रों की उन्नति, प्रेरणा और गहरी समझ फैलती है।
महाराजजी की करुणामय प्रकृति ने कई लोगों को छुआ है और उनकी प्रेरणादायक वार्ता, काम और व्यक्तित्व लोगों के लोगों के प्रति दिव्य मार्गदर्शन का एक माध्यम रहा है। परमार्थ निकेतन में ऋषिकेश में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, वह परमार्थ से स्वामी वासुदेवनंदजी की अनुमति और आशीर्वाद के साथ उच्च अध्ययन के लिए काशी (वाराणसी) गए। काशी में उन्होंने संस्कृत अकादमी से सर्वदर्शन आचार्य की डिग्री प्राप्त की। इस डिग्री के बाद उन्होंने शिवानंद आश्रम से सम्मानित माताजी के मार्गदर्शन में वनारस हिंदू विश्वविद्यालय में दाखिला लिया, जहां उन्होंने अंग्रेजी माध्यम में दर्शन और धर्म में अपनी मास्टर डिग्री प्राप्त की। महाराजजी ने एक बहुत ही गूढ़ और जटिल विषय खांडाना खंड खडिया के विषय पर अपनी थीसिस लिखी, और थीसिस को कई प्रशंसा मिली।
आज भी रावतपुरा मेला क्षेत्र में काफी संख्या में भक्तगण मेला परिक्षेत्र में पहुंचे, यज्ञशाला की परिक्रमा की एवं मेला क्षेत्र का भ्रमण किया। रामकथा एवं श्रीमद् भागवत कथा का भी आनंद उठाया। वहीं यज्ञशाला में अष्टोत्तर शत् सस्वर पाठ में 108 ब्राहम्णों एवं 18 पुराणों का वाचन चला।

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