राजधानी नई दिल्ली और आसपास के इलाकों में धुंध से बुरा हाल है. लोगों का सांस लेना भी दूभर हो रहा है. दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर 6 गुणा बढ़ गया है. आज नई दिल्ली में 5वीं क्लास तक के स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है, इसके अलावा गाजियाबाद में भी स्कूलों को बंद किया गया है. धुंध का काफी असर यातायात पर भी पड़ रहा है. कई ट्रेनें लेट हो गई हैं. नई दिल्ली में करीब 53 ट्रेनें लेट हो गई हैं, 5 की टाइमिंग बदली गई है और 1 ट्रेन को कैंसिंल किया गया है.

क्या है कारण?

पड़ोसी राज्यों में खेतों में पराली जलाए जाने से उठने वाले धुएं और राजधानी में ठंड के कारण बढ़ी नमी की वजह से राष्ट्रीय राजधानी ‘गैस चैंबर’ में तब्दील हो गई. इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत आने लगी.

प्रदूषण के स्तर में कमी लाने के लिए अधिकारियों ने सिलसिलेवार कदम उठाते हुए प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने और पार्किंग शुल्क को चार गुना करने सहित कई घोषणाएं की.

दिल्ली सरकार ने बच्चों, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और दमा एवं हृदय से जुड़ी अन्य बीमारियों सहित ऐसे लोगों के लिए स्वास्थ्य परामर्श जारी किया है, जिनके इससे प्रभावित का खतरा अधिक है.

एनजीटी ने लगाई लताड़

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के कई निगरानी केंद्रों ने प्रदूषण के सभी स्तर को पार कर जाने के कारण काम करना बंद कर दिया. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा की सरकारों से नाराजगी जताते हुए पूछा कि इस तरह के हालात बनने का पूर्वानुमान होने के बाद भी रोकथाम के लिए कदम क्यों नहीं उठाये गये.

परिवहन को बेहतर बनाने का निर्देश

ईपीसीए ने दिल्ली और आसपास के राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान तथा हरियाणा को निर्देश दिया कि अधिक बसें लगाकर सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को बेहतर बनाएं. अन्य उपायों में ईपीसीए ने सड़क निर्माण एजेंसियों को दिल्ली-एनसीआर में धूल प्रदूषण नियमों के उल्लंघन पर 50 हजार रूपए जुर्माना लगाने का निर्देश दिया.

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