काबुल: पूर्वी अफगानिस्तान के जलालाबाद में रविवार को हुए सिखों-हिंदुओं के कत्लेआम की जिम्मेदारी खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आई.एस.) ने ली है। आई.एस. ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि उसने ‘बहुईश्वरवादियों’ के एक समूह को निशाना बनाया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर इस हमले की निंदा की है। वहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि वह पीड़ितों के परिजनों से भेंट करेंगी। सुषमा ने भी ट्वीट कर पीड़ितों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं जताई हैं। इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘हम बहुमूल्य इंसानी जिंदगियां छीन लिए जाने पर निराश एवं दुखी हैं।’’
प्रियजनों को खोने वाले सिख और हिंदू शोक में डूबे
अफगानिस्तान में हुए हमले में अपने प्रियजनों को खोने वाले सिख और हिंदू समुदाय के लोग शोक में डूबे हैं और उनमें आक्रोश भी है। एंबुलैंसों में ताबूत रखते हुए शोकाकुल लोगों ने ‘अशरफ गनी मुर्दाबाद’ और ‘सरकार मुर्दाबाद’ के नारे लगाए। अंतिम संस्कार के लिए शवों को एक मंदिर में ले जाया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में 17 सिख और हिंदू थे। इनमें अवतार सिंह भी शामिल थे जो 20 अक्तूबर को होने वाले विधायी चुनावों में किस्मत आजमा रहे एकमात्र सिख उम्मीदवार थे।
इसके अलावा, समाजसेवी रवाइल सिंह भी मृतकों में शामिल हैं। एक अनुमान के मुताबिक मुस्लिम बहुल अफगानिस्तान में करीब 1,000 सिख और हिंदू रहते हैं। इनमें से ज्यादातर जलालाबाद, गजनी और अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रहते हैं। गनी प्रांत के 2 दिन के दौरे के तहत रविवार को जलालाबाद में थे।