लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने आरक्षण को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। रांची में आयोजित एक कार्यक्रम में महाजन ने कहा कि आंबेडकर जी ने खुद कहा था कि आरक्षण की जरूरत महज 10 सालों के लिए है। उन्होंने 10 साल के भीतर समतामूलक समाज की कल्पना की थी। लेकिन, ऐसा नहीं हो सका। अब भी हम हर 10 साल पर इसे अगले 10 वर्षों के लिए बढ़ा देते हैं।

महाजन ने कहा कि हमें यह भी सोचना चाहिए कि आरक्षण मिलने से समाज को क्या फायदा हुआ। उन्होंने कहा, ‘मुझे आरक्षण मिला। मैं कुछ जीवन में बन गया तो मैंने जीवन के कितने क्षण ऐसे बिताए यह सोचने में कि मैंने अपने समाज को कितना बांटा है? यह सोचना बहुत जरूरी है। क्या उसका फायदा है? क्या आरक्षण की यही कल्पना है?’ सुमित्रा महाजन ने कहा कि यह जानना जरूरी है कि क्या शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण को जारी रखने से देश में समृद्धि आएगी?

यहां तीन दिवसीय लोकमंथन कार्यक्रम के अंतिम दिन महाजन ने समाज और देश में सामाजिक सौहार्द के लिए बाबा साहब भीमराव आंबेडकर का अनुसरण करने के लिए कहा। इस मौके पर झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वामपंथी झुकाव वाले इतिहासकारों पर विदेश में देश की नकारात्मक छवि पेश करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए सभी धर्म समान हैं। आज देश और समाज को तोड़ने वाली ताकतें सक्रिय हैं। सरल स्वभाव वाले आदिवासियों का धर्म परिवर्तन किया गया। लेकिन, हमारी सरकार ने धर्म परिवर्तन विरोधी कानून बनाया है।’

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