भोपाल। दस साल पहले अस्पताल को बैंक में गिरवी रखकर डॉक्टर दंपती ने 55 लाख का लोन लिया था। बिना लोन चुकाए दंपती ने उसी अस्पताल की फर्जी पॉवर ऑफ अटार्नी बनाकर एक प्रापर्टी कारोबारी को दी और उससे 95 लाख रुपए हड़प लिए। रजिस्ट्री करने से मुकरने पर डील की हकीकत सामने आई और मामला थाने पहुंचा। पुलिस ने डॉक्टर दंपती के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। मामला पिपलानी स्थित सचिन ममता अस्पताल का है।

पिपलानी पुलिस के मुताबिक पिपलानी पेट्राल पंप के पास डॉ. सचिन जैन का सचिन ममता अस्पताल है। डॉ. जैन ने वर्ष 2013 में अस्पताल बेचने के लिए अवधपुरी निवासी प्रापर्टी करोबारी विशाल खत्री से बातचीत की थी। तब जैन ने विशाल को संपत्ति बेचने के लिए अधिकृत करते हुए अस्पताल की पॉवर ऑफ अटार्नी विशाल के नाम कर दी थी। मुनाफे का सौदा देखते हुए विशाल ने पॉवर ऑफ अटार्नी के आधार पर अस्पताल की रजिस्ट्री अपनी मां के नाम कराते हुए इसके एवज में डॉ. जैन को 95 लाख रुपए दिए थे। रुपए अदा करने के बाद विशाल अस्पताल का कब्जा लेने पहुंचा और प्रापर्टी की मूल रजिस्ट्री मांगी तो डॉ.जैन साफ मुकर गए।

संदेह होने पर विशाल ने अपने स्तर पर सचिन ममता अस्पताल के बारे में जानकारी जुटाई। उसे पता चला कि डॉ. सचिन और उसकी पत्नी डॉ. सोनिया ने इस अस्पताल को वर्ष 2008 में अरेरा कालोनी स्थित इलाहाबाद बैंक में गिरवी रखकर 55 लाख रुपए का लोन लिया था। तभी से यह प्रापर्टी बैंक की बंधक संपत्ति है। उसकी मूल रजिस्ट्री भी बैंक के पास रखी है। ठगी का अहसास होने पर विशाल ने मामले की शिकायत एसपी साउथ से की। मामले की जांच के बाद पिपलानी पुलिस ने आरोपी डॉ. सचिन और डॉ. सोनिया जैन के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।

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