ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने अपने मंत्रिमंडल के सबसे वरिष्ठ मंत्री डेमियन ग्रीन की उनके पद से छुट्टी कर दी है। डेमियन ग्रीन के सरकारी संसदीय कम्प्यूटर पर ढेरों अश्लील तस्वीरें पकड़ी गई थीं लेकिन पुलिस की पूछताछ के दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें इन तस्वीरों के बारे में कुछ भी पता नहीं परंतु जब गहरी छानबीन करवाई गई तो पता चला कि डेमियन ने झूठ बोला था।

इसके साथ एक महिला पत्रकार केट माल्टबी ने उनके खिलाफ शिकायत की कि डेमियन ग्रीन ने किसी महफिल में ड्रिंक के बाद उनके घुटनों पर हाथ फेर कर छेडख़ानी की है। डेमियन ग्रीन ने इस बात से इंकार किया लेकिन छानबीन के बाद इस इल्जाम को सही पाया गया। पहले तो कम्प्यूटर पर अश्लील तस्वीरों और फिर महिला जर्नलिस्ट से छेड़छाड़ के मामले में झूठ बोलने के व्यवहार को मंत्री पद की गरिमा के विरुद्ध समझा गया जिस पर प्रधानमंत्री ने बुधवार शाम 20 दिसम्बर को उन्हें पद से हटा दिया। डेमियन ग्रीन अपनी पदवी के लिहाज से एक तरह से उप-प्रधानमंत्री ही थे और थेरेसा मे के निकट राजनीतिज्ञों में सबसे ज्यादा विश्वसनीय। दोनों पिछले 30 वर्ष से घनिष्ठ मित्र थे। युवावस्था में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में सहपाठी थे।

थेरेसा मे के लिए डेमियन ग्रीन का प्रस्थान व्यक्तिगत एवं राजनीतिक दोनों ही दृष्टिकोणों से एक बहुत बड़ी क्षति है। पिछले 2 महीनों के अंदर उनके मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने वाले यह तीसरे मंत्री हैं और तीनों को ही झूठ बोलने की वजह से पद से हटाया गया है। तीनों ही वरिष्ठ पदों पर थे। 2 मंत्रियों के जाने का कारण बनीं 2 महिला पत्रकार और तीसरी मंत्री स्वयं महिला ही थी। पहले जिस मंत्री की पिछले माह नवम्बर में छुट्टी हुई वह थे 59 वर्षीय रक्षामंत्री सर माइकल फालन, जिन पर एक महिला पत्रकार ने यह दोष लगाया कि उन्होंने एक मयखाने (पब) में ड्रिंक के बाद उसके साथ शारीरिक छेडख़ानी की और उसका चुम्बन लेने की कोशिश की जिससे उसने अपने आपको अपमानित और लज्जित अनुभव किया। मिनिस्टर महोदय ने पहले तो इससे इंकार किया लेकिन बाद में सच्चाई के आगे उनकी बोलती बंद हो गई और उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा।

61 वर्षीय डेमियन ग्रीन पर भी बिल्कुल उन्हीं परिस्थितियों में एक महिला पत्रकार से शारीरिक छेडख़ानी का इल्जाम लगा जैसे सर माइकल फालन पर। इस महिला का आरोप भी यही था कि किसी ड्रिंक पार्टी में डेमियन ने उसके घुटनों पर हाथ फेरा जिससे उसने अपने आपको बहुत अपमानित-सा महसूस किया। डेमियन ने पहले तो कहा कि उन्हें ऐसा कुछ करने की घटना याद नहीं परन्तु बाद में महिला पत्रकार केट माल्टबी की बात को सच पाया गया। सच को छुपाने के इल्जाम में पदवी से हाथ धोने वाली तीसरी मिनिस्टर हैं भारतीय मूल की टोरी राजनीतिज्ञ प्रीति पटेल जिन्होंने इसराईल में अपनी पारिवारिक छुट्टियों के दौरान वहां के प्रधानमंत्री के अतिरिक्त अन्य मंत्रियों तथा प्रमुख सरकारी अधिकारियों के साथ 14 मुलाकातें कीं जिन्हें उन्होंने गुप्त रखा।

ब्रिटेन के किसी अधिकारी को उन मुलाकातों की खबर नहीं दी। लेकिन ऐसे मामले छिपते कहां हैं। बात निकल गई और सर माइकल फालन को पद से हटाए जाने के 2 सप्ताह बाद ही नवम्बर मध्य में प्रीति पटेल की भी मंत्री पद से छुट्टी कर दी गई। डेमियन ग्रीन के कम्प्यूटर पर अश्लील तस्वीरें दस साल पहले पकड़ी गई थीं। तब भी वह मंत्री पद पर थे। इसके बावजूद कि तस्वीरों के बारे में किसी प्रकार का ज्ञान स्वीकार करने से वह हमेशा इंकार करते रहे। पुलिस ने केस को रफा-दफा नहीं किया, न ही किसी दबाव के अधीन मामले को दबने दिया गया। यह इस देश के प्रशासन की विशेषता है कि कोई मामला सामने आ गया है तो उस पर फिर पर्दा नहीं पडऩे दिया जाता। पूरी तह तक पहुंचकर ही मामले का निपटारा होता है। सार्वजनिक जीवन में सत्य और पारदर्शिता का कितना महत्व है, ये तीनों घटनाएं इसका स्पष्ट प्रमाण हैं।-कृष्ण भाटिया

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