कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा गुरुवार से शुरू हो गई है. यात्रा के पहले ही दिन बारिश और खराब मौसम के बीच श्रद्धालुओं के पहले जत्थे ने दर्शन किए. हालांकि, राज्यपाल के पहुंचने में देरी के चलते श्रद्धालुओं को पवित्र गुफा तक पहुंचने के बाद भी इंतजार करना पड़ा.
यात्रा के रास्तों में पिछले 32 घंटो से रुक-रुककर बारिश जारी है, इसके चलते कई बार रास्ते बंद करने पड़े. अभी भी बेस कैंप से दूसरे जत्थे को यात्रा की इजाजत नहीं मिली है लेकिन खराब मौसम के बावजूद भोले के भक्तों का जोश बरकरार है.
खराब मौसम ने अमरनाथ यात्रा के प्रथम दिन भारी व्यवधान पैदा किया और इसके चलते केवल 1,007 श्रद्धालु ही गुफा मंदिर में बर्फ से बने शिवलिंग के दर्शन कर पाए.
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के एक प्रवक्ता ने बताया कि सुबह से भारी बारिश होने के चलते यात्रा शुरू होने में कई घंटे की देरी हुई. यात्रा के दोनों मार्गों, बालटाल से 1,316 श्रद्धालुओं ने और पहलगाम से केवल 60 श्रद्धालुओं ने दोपहर में यात्रा शुरू की. उन्होंने बताया कि शाम तक केवल 1,007 श्रद्धालु ही पवित्र शिवलिंग के दर्शन कर सके.
कड़ी सुरक्षा के बीच जम्मू से करीब 3,000 अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था कश्मीर के बालटाल और पहलगाम आधार शिविरों में पहुंच गया था.
अधिकारियों ने बताया कि सड़क मार्ग इस्तेमाल करने की अनुमति मिलने के बाद 3,434 श्रद्धालुओं का दूसरा जत्था भगवती नगर आधार शिविर से कश्मीर रवाना हुआ और उनके शाम तक नुनवान-पहलगाम और बालटाल के आधार शिविरों तक पहुंचने की संभावना है.
शिवलिंग के दर्शन के लिए 60 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा के लिए अभी तक दो लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है. इस यात्रा का समापन 26 अगस्त को होगा, ‘रक्षाबंधन’ का त्योहार भी इसी दिन पड़ रहा है.
अमरनाथ जाने वाले वाहनों पर नजर रखने के लिए सरकार पहली बार रेडियो फ्रीक्वेंसी टैग का इस्तेमाल कर रही है जबकि सीआरपीएफ ने कैमरे और जीवनरक्षक उपकरणों से लैस मोटरसाइकिल दस्ते उतारे हैं. पिछले साल अमरनाथ श्रद्धालुओं को ले जा रही एक बस पर हुए आतंकवादी हमले के बाद इस साल की यात्रा के लिए सुरक्षा और भी बढ़ा दी गई है.