भोपाल ! मध्यप्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए यह राहत भरी खबर है, कि बिजली की दरें अभी नहीं बढ़ाई जाएंगी। विद्युत नियामक आयोग ने आज बीते साल के विद्युत टेरिफ में कोई परिवर्तन करने की घोषणा की है। साथ ही कहा है, कि बिजली की दरें कोयले की कीमत पर निर्भर होंगी, जिनकी प्रत्येक तीन माह में समीक्षा की जाएगी।
विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष राकेश साहनी ने यहां पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, कि इस साल प्रदेश की तीनों विद्युत कंपनियों ने विद्युत दरों मे वृद्वि का कोई प्रस्ताव नहीं देते हुए अंतर की राशि की मांग की थी जिसे आयोग द्वारा अमान्य कर दिया गया। उन्होंने कहा कि कंपनियों द्वारा इस वित्त वर्ष के लिए 23178 करोड़ रुपयों की कुल आवश्यकता का प्रस्ताव दिया गया था लेकिन आयोग ने उसमें से 22041.54 करोड़ की आवश्यकता को ही स्वीकार किया है। इसकी वजह स्वीकृत सकल राजस्व आवश्यकता एवं अनुमानित कुल राजस्व आय में कोई अंतर नहीं होना है। श्री साहनी ने बताया कि पिछले वर्ष प्रति यूनिट सप्लाई खर्च की औसत दर 04.79 पैसे थी जो इस साल बढकर 04.84 पैसा हो गई है। उन्होंने बताया की बीते साल 41 सौ करोड यूनिट बिजली विक्रय को लक्ष्य तय किया गया था जिसे बढ़ाकर इस वर्ष 45 सौ करोड यूनिट कर दिया गया है।