नई दिल्ली. राहुल गांधी ने बुधवार को साफ कर दिया कि वे अब कांग्रेस अध्यक्ष नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी को बिना देर करे, अब जल्द से जल्द नया अध्यक्ष चुनना चाहिए।
राहुल गांधी ने संसद से बाहर मीडिया से बातचीत में कहा, कांग्रेस पार्टी को जितना जल्दी हो सके, अध्यक्ष तय करना चाहिए। मैं अपना इस्तीफा पहले ही दे चुका हूं। अब मैं पार्टी अध्यक्ष नहीं हूं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी को बैठक कर नए अध्यक्ष पर फैसला करना चाहिए।
‘पार्टी के पुनर्विकास के लिए कड़े फैसले लेना जरूरी’
4 पन्नों के पत्र में राहुल ने लिखा, ”कांग्रेस पार्टी की सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात है। इस पार्टी के सिद्धांत और आदर्शों ने हमारे खूबसूरत देश की जीवनधारा के रूप में सेवा की। मेरे ऊपर पार्टी और देश से मिले प्यार का बहुत बड़ा कर्ज है। कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष होने के नाते मैं 2019 चुनाव में हार के लिए जिम्मेदार हूं।”
”पार्टी के भविष्य में विकास के लिए जिम्मेदारी तय करना बेहद जरूरी है। यही वह वजह है, जिसके लिए मैंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया। पार्टी के पुनर्विकास के लिए कड़े फैसले लेना जरूरी है और 2019 की नाकामी के लिए बहुत सारे लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। पार्टी अध्यक्ष होने के नाते यह नाइंसाफी होगी कि मैं दूसरों को जिम्मेदार ठहराऊं और अपनी जिम्मेदारी को नजरंदाज कर दूं।”
मैं नए व्यक्ति का चयन करूं यह सही नहीं- राहुल
राहुल ने लिखा, ”मेरे बहुत सारे साथियों ने यह सुझाव दिया कि मैं पार्टी का अगला अध्यक्ष तय करूं। जब यह जरूरी है कि कोई नया व्यक्ति पार्टी का नेतृत्व करे तो यह मेरे लिए सही नहीं होगा कि मैं नए व्यक्ति का चयन करूं। हमारी पार्टी का पुराना इतिहास है, यह संघर्षों और गौरवपूर्ण विरासत वाली पार्टी है, जिसकी मैं तहेदिल से इज्जत करता हूं। यह भारत के धागों में बुनी हुई पार्टी है। मुझे पूरा विश्वास है कि पार्टी इस संंबंध में सबसे अच्छा निर्णय लेगी कि इसका साहस, प्यार और ईमानदारी से कौन नेतृत्व करे।”
उन्होंने कहा, ”इस्तीफा देने के तुरंत बाद मैंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी के अपने साथियों को सुझाव दिया था कि नए पार्टी अध्यक्ष की खोज शुरू कर दी जाए। मैंने उन्हें यह करने का अधिकार दिया और प्रतिबद्धता दिखाई कि इस प्रक्रिया और सुचारू परिवर्तन को मेरा पूरा समर्थन रहेगा।”
राहुल 25 मई को इस्तीफे की पेशकश की थी
वायनाड से सांसद राहुल गांधी 2017 में कांग्रेस अध्यक्ष बने थे। लोकसभा चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी लेते हुए 25 मई को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि, पार्टी ने इसे स्वीकार नहीं किया था। पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल के इस्तीफे के खिलाफ थे। उन्होंने सोनिया गांधी से राहुल को मनाने के लिए भी कहा था। लेकिन इसके बाद भी राहुल लगातार इस पर अड़े रहे।
कांग्रेस मुख्यमंत्रियों ने राहुल को मनाने के लिए की थी मुलाकात
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत पांच कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने साेमवार काे राहुल से मुलाकात कर उनसे पद पर बने रहने की अपील की थी। गहलोत के अलावा इनमें पंजाब के सीएम कै. अमरिंदर सिंह, मप्र के सीएम कमलनाथ, छग के सीएम भूपेश बघेल तथा पुद्दुचेरी के सीएम वी नारायणसामी थे।
शिंदे बन सकते हैं नए अध्यक्ष
राहुल से मुलाकात के बाद सीएम गहलोत ने कहा था, ”हमने राहुल को कांग्रेस नेताओं की भावनाओं से अवगत कराया। मुझे लगता है कि वे सही निर्णय लेंगे।” माना जा रहा है कि महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे कांग्रेस के नए अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं।