भोपाल। मुंबई हमले में शहीद पुलिस अफसर हेमंत करकरे पर विवादित बयान देेकर देशभर में भाजपा की किरकिरी करा चुकीं प्रज्ञा ठाकुर पर पार्टी ने लगाम कस दिया है। वे अब चुनाव तक आतंकवाद के मुद्दे पर नहीं बालेंगी, लेकिन धर्म-आध्यात्म के नाम पर पार्टी ने उन्हें बोलने की खुली छूट दे दी है। कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह को आतंकवाद के मुददे पर भाजपा के अन्य नेता घेरेंंगे। विवादित बयान के बाद भाजपा एवं संघ नेताओं के बीच गहन मंथन के बाद यह फैसला लिया है।

प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में शहीद हेमंक करकरे को लेकर जो बयान दिया था, उसकी देशभर में आलोचना हेा रही है। खुद भाजपा ने भी प्रज्ञा के बयान से किनारा करते हुए उनका निजी बयान बताया। पिछले दो दिन के भीतर भाजपा में प्रज्ञा को लेकर लंबी बैठक हुई है। इसके बाद यह तय हुआ कि प्रज्ञा चुनावी सभाओं में विपक्ष के नेताओं पर राजनीतिक आरोप लगाएंगी। सभाओं में राजनीति से जुड़े बिंदु उन्हें लिखकर दिए जाएंगे या फिर पहले ही बता दिया जाएगा कि क्या बोलना है। हालांकि धर्म के लिए प्रज्ञा ठाकुर कुछ भी बोलने के लिए स्वतंत्र होंगी, लेकिन इसमें भी ध्यान रखना होगा कि किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचे। आतंकवाद, शहीदों से जुड़े मुद्दों पर प्रज्ञा कुछ भी नहीं बोलेंगी। इसके लिए पार्टी लाइन तय करेगी। शनिवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने प्रवक्ता, पेनालिस्ट समेत अन्य पार्टी नेताओं को भी इस संबंध में विस्तार से समझाया। जिसमें तय किया गया कि दिग्विजय सिंह को आतंकवाद, उनके विवादित बयानों को लेकर पार्टी नेता बयान जारी करेंगे।

भारतीय जनता पार्टी को घोषित प्रत्याशी प्रज्ञा भारती के गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में रोडशो के लिए भोपाल जिला प्रशासन ने प्रचार की अनुमति नहीं दी। जिस पर भाजपा ने भोपाल जिला प्रशासन पर कांग्रेस सरकार के दबाव में काम करने के आरोप लगाए हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार लोकसभा चुनाव में बदले की भावना से काम कर रही है। भाजपा नेताओं, प्रत्याशियों, प्रचारकों को सभाओं और रैलियों की अनुमति नहीं दी जा रही है। यह उन्हें जानबूझकर जनसंपर्क से वंचित किए जाने जैसा है।

भाजपा की ओर से जिला प्रशासन से रोड शो की अनुमति मांगी थी, लेकिन जिला प्रशासन ने इससे इंकार कर दिया है। झा ने कहा कि प्रशासन जानबूझकर रोड शो की परमिशन नहीं दे रहा है, ताकि वे स्थानीय मतदाताओं के बीच न पहुंच पाएं, उनसे संपर्क न कर पाएं। ´

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