सागर। मध्यप्रदेश के सागर में शराब, महंगे कपड़े, बाइक और मोबाइल के शौक ने महज 17 साल 5 महीने के युवक को सही-गलत का फर्क भुला दिया। 1500 रुपए के लिए उसने अपने पूरे परिवार को खत्म कर दिया। मकरोनिया में हुए तिहरे हत्याकांड के पीछे रिश्तों को तार-तार कर देने वाली कहानी सामने आई है। रिटायर्ड सैनिक, उनकी पत्नी और छोटे बेटे की हत्या उनके ही बडे बेटे ने की थी।
रात्रि में रिटायर्ड सैनिक की पत्नी घर में अकेली टीवी देख रही थीं। बड़ा बेटा घर आया और उनसे 1500 रुपए मांगे। मां ने उसकी गलत हरकतों के कारण रुपए देने से मना कर दिया। आरोपी ने उन्हीं के दुपट्टे से पहले गला घोंटा और घर में रखी पिता की लाइसेंसी 12 बोर की बंदूक से गले पर फायर कर दिया। शव घसीटकर आगे वाले कमरे में डाल दिया।
रात में कैंट बोर्ड ऑफिस में गार्ड की ड्यूटी कर रिटायर्ड सैनिक घर लौटे। अंदर घुसते ही आरोपी ने उन पर दो फायर किए। पिता की लाश भी घसीटकर उसी कमरे में डाल दी। हत्या के बाद आरोपी ने फर्श पर पड़ा खून साफ किया और बिखरा सामान भी व्यवस्थित रख दिया। गोली के खोखे जूते में छिपा दिए।
आरोपी को डर था कि छोटा भाई किसी को इस बारे में बता न दे। इसलिए वह घर के गेट पर ताला लगाकर बाहर आ गया। कोचिंग से लौट रहे छोटे भाई को रास्ते से ही अपने साथ मार्केट ले गया। उसे यहां-वहां घुमाता रहा। घर पहंुचकर छोटे भाई ने पूछा कि मम्मी-पापा कहां हैं तो आरोपी ने कहा कि मैंने उन्हें मार डाला। वह रोने लगा और बोला, मैं सबको बता दूंगा। आरोपी ने उसका गला दबा दिया। उसे भी माता-पिता की लाश के साथ डालकर बाहर चला गया।
आरोपी ने हत्याकांड के अगले दिन 5 हजार रुपए का नया सूट खरीदा और स्कूल में फेयरवेल पार्टी में शामिल हुआ। दोस्तों के साथ एक होटल में पार्टी की और रात भी एक दोस्त के यहां बिताई। 26 जनवरी को आर्मी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में भी वह दोस्तों के साथ शामिल हुआ। इसके बाद दिन में वह घर भी गया लेकिन 26 व 27 जनवरी की रात एक दोस्त के यहां रुका था। 28 जनवरी को बस स्टैंड पर बाइक रखकर वह रिश्तेदार के यहां ललितपुर चला गया। 29 जनवरी को वहां से लौटकर आ गया। मकरोनिया की एक मोबाइल की दुकान पर सिम खरीदने पहुंचा, तभी पुलिस ने उसे पकड़ लिया। उसने पुलिस को बताया कि वह इंदौर में ट्रेन से कटकर आत्महत्या करने वाला था ताकि कोई वहां उसे पहचान न पाए। आरोपी ने घटना के बारे में बिना नाम का एक पत्र भी लिखा था।