सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे फिर से प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं। यह प्रदर्शन लोकपाल के लिए ही हो रहा है। हजारे सुबह गांधी जयंती पर राजघाट भी पहुंचे। वहां उन्होंने गांधी को श्रद्धांजलि दी।
अन्ना हजारे का यह प्रदर्शन एक दिन का है। हजारे की तरफ से इसको एक दिन का सत्याग्रह कहा गया है। हजारे ने कहा कि लोकपाल का वादा पूरा नहीं हुआ लेकिन वह दुखी नहीं है क्योंकि दुखी स्वार्थी लोग होते हैं।
इससे पहले अन्ना ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया था कि देश महात्मा गांधी के दिखाए रास्ते से भटक गया है। पत्र में किसानों और भ्रष्टाचार की समस्याओं को बताते हुए नराजगी जाहिर की गई थी। पत्र में लिखा था कि लोकपाल, लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर सरकार सुस्त है।
खत में अन्ना ने कहा था कि भ्रष्टाचार मुक्त भारत के सबसे बड़े आंदोलन को 6 साल से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन 6 साल बाद भी सरकार ने भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए कुछ नहीं किया। पिछले तीन सालों से मैं आपकी सरकार को लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए याद दिलाता रहा हूं लेकिन आपने मुझे कभी जवाब नहीं दिया और ना ही एक्शन लिया। अन्ना ने आंदोलन की धमकी भी दी थी।