डबलिनः आयरलैंड में अंडरवियरर्स के साथ अनूठा विरोध चल रहा है। वहां की महिलाओं सोशल मीडिया पर अपने अंडरवियर (UW) की तस्वीरें पोस्ट कर रही हैं और देश भर में रैलियों का आयोजन भी किया जा रहा है। देश भर की महिलाओं की ओर से किया जा रहा अनोखा विरोध अब चर्चा का विषय बन गया है।
क्यों हो रहा ऐसा विरोध? ः दरअसल महिलाओं का यह विरोध दक्षिण-पश्चिम आयरलैंड के कॉर्क शहर में बलात्कार के मामले से संबंधित है जिसमें अभियुक्त के वकील ने जूरी से कहा था कि 17 साल की शिकायतकर्ता एक UNDEWAER पहने हुई थी। वकील ने अपने मुवक्किल का बचाव करते हुए जूरी को बताया कि रेप की इस घटना के पीछे महिला का अंडरवियर जिम्मेदार है क्योंकि अंडरवियर को देखने के बाद आरोपी ने उसके साथ इस घटना को अंजाम दिया।
वकील की इस बात के विरोध में आयरलैंड की एक महिला सांसद सदन में अंडरवियर लेकर आ गईं। महिला सांसद रुथ कैपिंगर में संसद में फीतों वाला अंडरवियर दिखाते हुए कहा, “यहां इसे दिखाना शर्मनाक हो सकता है।लेकिन आपको सोचना होगा कि जब एक महिला के अंडरवियर को अदालत में दिखाया गया तो उसे कैसा लगा होगा।” लोगों को सबसे ज्यादा आपत्ति आरोपी की वकील के उस कमेंट पर थी जिसमें उन्होंने लड़की के अंडरवियर में फीते लगे होने को उसके चरित्रहीन होने का प्रमाण मान लिया।
दरअसल आयरलैंड में नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोपी बरी होने के बाद यहां सैक्स के लिए सहमति के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। दरअसल एक किशोर लड़की के साथ कथित बलात्कार के मामले में अदालत ने उसके अंडरवियर को ही सबूत मान लड़की के खिलाफ अपना फैसला सुना दिया। अदालत ने कहा कि 17 वर्षीय लड़की ने रेप की कथित घटना के वक्त एक ऐसा अंडरवियर पहन रखा था जिसने आरोपी को आर्कषित किया। आयरलैंड के लोगों ने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर बेहद कड़ी टिप्पड़ियां की हैं। #ThisIsNotConsent हैशटैग के साथ बहुत से लोगों ने इस मामले के विरोध में ट्वीट किया है। बहुत सी महिलाओं ने अपने अंडरवियर की तस्वीरें भी फेसबुक पर पोस्ट की हैं।
इसी बात को लेकर नाराज वहां की महिला राजनेता भी विरोध करने के लिए संसद से लेकर सड़क पर उतर गई। लोगों का कहना है कि क्या कोई महिला अपने मनपंसद का अंडरवियर भी नहीं पहन सकती हैं।
कार्यकर्ता न्यायिक प्रणाली के उन सदस्यों को भी बाहर करने की मांग कर रहे हैं जो अदालत में पीड़ितों को दोषी ठहराते हैं। आयरिश प्रधानमंत्री लियो वरदकर ने यह भी कहा कि यह मुद्दा देश के लोगों के लिए चिंता का विषय है। इस बात पर विचार किया जा रहा है कि आखिरी इन घटनाओं पर किस तरह से लगाम लगाया जाए