भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अध्यापकों के अलग-अलग संवर्गों का शिक्षा विभाग में संविलियन होगा। अब सिर्फ एक संवर्ग शिक्षक संवर्ग होगा। अध्यापक संवर्ग सहित संविलियित सभी संवर्गों को, शिक्षकों को जो सुविधाएँ मिलती हैं, वह मिलेंगी। मुख्यमंत्री आज यहाँ मुख्यमंत्री निवास पर अध्यापक संघों के पदाधिकारियों और अध्यापकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज के फैसले का लाभ अध्यापक और अन्य संवर्गों के लगभग तीन लाख लोगों को मिलेगा।
इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह, अध्यापक संगठनों के पदाधिकारी दर्शन चौधरी, भरत पटेल, जगदीश यादव, बलराम पवार, राकेश पटेल, जावेद खान, शैलेन्द्र त्रिपाठी, भरत भार्गव, श्रीमती सुषमा, ब्रजेश्वर झारिया सहित बड़ी संख्या में अध्यापकगण उपस्थित थे।
ऐतिहासिक अन्याय दूर हुआ
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दिन से अध्यापकों के साथ ऐतिहासिक अन्याय दूर हो रहा है। अध्यापकों को मिल रही सुविधाओं में स्थानांतरण नीति, गुरुजियों का वरिष्ठता क्रम तथा शिक्षिकाओं के लिये मातृत्व अवकाश की सुविधा शामिल रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रदेश ने वह दौर भी देखा है जिसमें शिक्षकों को कर्मी बना दिया गया था। वर्तमान सरकार ने प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र में कर्मी कल्चर समाप्त कर नयी शैक्षणिक संस्कृति स्थापित करने के लिये वर्ष 2004 से आज तक अनेक महत्वपूर्ण फैसले लेकर उन्हें लागू किया है।
निश्चिंत होकर बच्चों की शिक्षा पर दे ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब अध्यापकों सहित शिक्षक संवर्ग में शामिल सभी संवर्गों का दायित्व है कि वे निश्चिन्त होकर अपना ध्यान बच्चों की शिक्षा-दीक्षा पर लगाये। पूरी मेहनत और निष्ठा से बच्चों को पढ़ायें और उनका भविष्य बनायें। शिक्षकों का भविष्य राज्य सरकार बनायेगी।
संभाग स्तर पर होंगे शिक्षा गुणवत्ता सम्मेलन
संभाग स्तर पर गुणवत्ता सम्मेलन आयोजित किये जायेंगे ताकि शासकीय स्कूलों के विद्यार्थियों के बेहतर परीक्षा परिणाम आयें।मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि राज्य सरकार ने तय किया है कि बारहवीं कक्षा में सत्तर प्रतिशत अंक लाने वाले बच्चों का प्रवेश मेडिकल, इंजीनियरिंग जैसे पाठ्यक्रमों में होने पर उनकी फीस राज्य सरकार भरेगी।