ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड की जनपद अध्यक्ष श्रीमती संजू जाटव के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव कल शाम को पारित हो गया था। महज दो साल पहले बसपा से भाजपा में आई श्रीमती संजू जाटव जातीय समीकरणों के सहारे जनपद अध्यक्ष बन गई थीं, और भिण्ड जिले के गोहद में सक्रिय होकर 2018 में एमएलए बनने की तैयारियों में जुटी हुई थीं, इसके लिए संघ के नजदीकी माने जाने वाले भिण्ड जिले के अटेर के पूर्व विधायक अरविंद भदौरिया के नजदीक आई थीं, लेकिन पति की भीम सेना से बढ़ती नजदीकी से फिलहाल उनके सपने बिखरते हुए नजर आने लगे हैं।
श्रीमती संजू जाटव के खिलाफ 17 नवंबर को 19 जनपद सदस्यों ने भिण्ड कलेक्टर इलैया राजा टी के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। कलेक्टर न्यायालय में सभी सदस्यों के बयान कराए गए और शपथ पत्र लिए गए। जनपद सदस्यों के शपथ पत्रों की जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ)े सपना निगम से जांच कराई गई। कलेक्टर ने भिण्ड ने जनपद पंचायत के सभी 25 सदस्यों और जनपद अध्यक्ष को नोटिस जारी कर 3 दिसंबर को जनपद का विशेष सम्मेलन में आमंत्रित किया गया। कल शाम विशेष सम्मेलन में भिण्ड के अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) संतोष तिवारी ने सभी सदस्यों से अविश्वास प्रस्ताव का कारण पूछा। इस दौरान अध्यक्ष श्रीमती संजू जाटव ने सदस्यों की बात का जवाब भी दिया। एसडीएम संतोष तिवारी के मुताबिक अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद वोटिंग कराई गई, संजू जाटव के पक्ष में 3 जबकि विरोध में 22 वोट आए, और अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया।
श्रीमती संजू जाटव से अध्यक्ष का पद तो छिना ही, उनके विधायक बनने की तैयारी भी फिलहाल बेकार होती नजर आ रही है। गौरतलब है कि श्रीमती संजू भिण्ड की जनपद अध्यक्ष रहते गोहद की रिजर्व सीट पर सक्रियता बढ़ा रही थीं। संजू जाटव 2015 में भिण्ड में जनपद सदस्य चुनी गई थीं। भिण्ड के स्थानीय विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह और भाजपा से बसपा में गए पूर्व सांसद डॉ.रामलखन सिंह कुशवाह की पोलिटिकल राइवलरी में श्रीमती संजू को फायदा मिला और वह भाजपा में आकर जनपद अध्यक्ष बन गईं। उस वक्त श्रीमती संजू के पति गजराज ने नरेंद्र सिंह कुशवाह पर आरोप लगाया था कि उन्होंने संजू को किडनैप करने की धमकी देकर भाजपा में आने के लिए बाध्य किया है, जबकि खुद संजू ने इस आरोप को खारिज कर दिया था। अपने दो साल के कार्यकाल में श्रीमती संजू ने गोहद की रिजर्व विधानसभा सीट को लक्ष्य बनाते हुए वहां सक्रियता बढ़ाई और अपना पक्ष मजबूत करने के लिए उस वक्त अटेर उप चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार अरविंद भदौरिया के समर्थन में प्रचार करते हुए उनसे नजदीकी बनाई। गौरतलब है कि गोहद से वर्तमान में प्रदेश के सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य विधायक हैं, लेकिन वह गोहद के तत्कालीन कांग्रेस विधायक माखन जाटव की हत्या के मामले में न्यायालय की कार्यवाही से गुजर रहे हैं। इसलिए संजू को उम्मीद थी समर्थन जुटा कर वह 2018 के लिए गोहद की भाजपा उम्मीदवार बन सकेंगी।
भिण्ड जिले के अटेर विधानसभा के उपचुनाव के दौरान अरविंद भदौरिया के समर्थन में कैंपेन करने आए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने नरसिंहगढ़ गांव में रात्रि विश्राम किया। संजू के पति गजराज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मिलने की कोशिश में उनके सुरक्षाकर्मियों से उलझ गए। हालांकि खुद मुख्यमंत्री ने बाहर निकल कर गजराज को शांत किया था। इसके बाद से श्रीमती संजू राजनीति के स्थानीय दिग्गजों के निशाने पर आ गईं। इसके बाद बौखलाहट में उनके पति गजराज लगातार उग्र जातिवादी राजनीति में मुखर होने लगे, और भीम सेना की रैली में मनुवादियों को गालियां देते नजर आए। गजराज की इन गतिविधियों ने भाजपा के रणनीतिकारों को नाराज कर दिया और नतीजतन जनपद अध्यक्ष का पद उनसे छिन गया। अब संजू यह कहते हुए भोपाल तक अपना पक्ष रख रही हैं कि पति की गलती की सजा उन्हें क्यों दी जा रही है।
जनपद पंचायत में अध्यक्ष की कुर्सी गंवाते ही भिण्ड सिटी कोतवाली और देहात थाने की पुलिस टीम चंदनपुरा स्थित संजू जाटव के निवास पर पहुंची, और उनके पति गजराज सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
– सीएसपी वीएस तोमर के मुताबिक शहर में पिछले दिनों 2 समुदाय के बीच हुए विवाद के दौरान गजराज जाटव ने भड़काऊ भाषण दिया था। इस मामले में वार्ड 39 के पार्षद मुकेश गर्ग सहित अन्य लोगों पर मामला दर्ज किया था। बाद में गजराज जाटव को भी इसमें आरोपी बनाया गया था। इसी मामले में गजराज जाटव को गिरफ्तार किया गया है।